Thursday 28 October 2010

तुम बिन ...

तुम बिन दिवाली सूनी है,
तुम बिन होली में रंग नहीं,
दीपक तो जलाएँ हैं लेकिन
अफ़सोस है तुम मेरे संग नहीं ११


मैं जानता हूँ तुम नहीं आओगे,
मै भी तो नहीं आ सकता हूँ,
तन से हम चाहे दूर रहें ,
मिलने की दुआएँ करता हूँ ११

कहता था तुम्हें नहीं याद करूंगा,
याद बहुत पर आती है,
जो चाह था वो पाया मगर,
तेरी ममता कहाँ मिल पाती है ११

मैने अपने हरि को देखा नहीं,
पर  तुम में उसको खोजा है,
जब तुम ही मेरे संग में नहीं,
मेरा हर दिन अब इक रोज़ा है ११

तुम भी तो दीप जगा  लेना,
अंधियारा कहीं ना रह जाएँ,
दीपों को जगाते हुए शायद,
तुम को भी मेरी याद आएं ११

तुम याद भले ही कर लेना,
पर आँख में पानी मत आएं,
खुशियों से भरा ये उत्सव है,
चेहरों पर ख़ुशी बस लहराएँ ११

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